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अप्रैल 27, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

ग्रामीण महिला उद्यमियों को मिलें शहरी प्रोत्साहन

 ग्रामीण महिला उद्यमियों को मिलें शहरी प्रोत्साहन  देश की अर्थव्यवस्था में महिलाओं के योगदान को नकारा नहीं जा सकता , अब इस दौड़ में ग्रामीण महिलाएं भी पीछे नहीं रहना चाहती हैं। हैंड इन हैंड इंडिया एक अंतरराष्ट्रीय संस्थान है जो महिलाओं के सशक्तिकरण में एक बड़ी भूमिका निभा रहा है। राजस्थान के उदयपुर क्षेत्र में संस्थान ने विगत एक साल से क्रेडिट प्लस , राइज अप और सिडबी प्रोजेक्ट के तहत ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मुहैया करवाने में सहयोग किया है । संस्थान द्वारा उदयपुर और सिरोही जिले में वर्मी कम्पोस्ट की 50 युनिट स्थापित करवाई गई हैं । युनिट के तहत केंचुए , त्रिपाल , प्रशिक्षण और कंपोस्ट का मूल्यवर्धन कर ग्रामीण महिलाओं को उद्यमशीलता की ओर बढ़ाने में मदद की है ‌।  संस्थान ने जुलाई 2021 से 40 किलो केंचुए लगभग आधे टन आकार की प्रति युनिट बनवाकर महिला किसानों की आय में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज करवाई है। इस आकार की 50 युनिट के माध्यम से स्थानीय 1000 महिला किसानों तक लाभ पहुंचाने का सामूहिक प्रयास किया गया है । अब महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट , केंचुए , वर्मी वाश बेचकर अच्छी आय सृजित कर र...

देश प्रदेश की दीवारों को लांघकर

 देश प्रदेश की दीवारों को लांघकर  ज़िंदगी में सबसे बड़ी अगर कोई प्रतिस्पर्धा है तो वो बस खुद से ही है ! सच माने तो खुद से ज़्यादा हमें इस सृष्टि में कोई नहीं जानता ! खुद की नज़रों में हम जो कुछ भी होते है , उसे आकार देने की कोशिश में बरसों बस यूं ही गुज़र जाते हैं ! हमारे मन-मस्तिष्क को हम बहुत बार उतना नहीं जान पाते जितना दुनिया के कुछ महान लोगों ने उनके अपने दिमाग़ को भीतर से जाना है !  मानवीय वैचारिकी की जटिलताओं के दायरे हर एक विषय के अलग - अलग है ! भले ही वो दार्शनिकता या आध्यात्मिकता हो , गणितीय या भौतिकीय विषयों की जटिलताएं हो ! रसायनिकी, तार्किकता तथा कलाओं की कलिष्टतम जटिलताएं ही क्यों न हो ! जिन्हें कुछ विरले लोग ही सुलझा पाते है , वो लोग दुनिया में महानता की ओर धीरे - धीरे अग्रसर होते गए हैं ! जटिलताओं को सरलताओं में तब्दील करके , ऐसी विभुतियों के महान विचारों के आगे मन नतमस्तक सा होने लगता है । दुनिया में कुछ लोग ऐसे हुए हैं जिन्होंने वैश्विक समुदाय का नेतृत्व किया है , मैं सीधे शब्दों में कहूं तो देश -प्रदेश की दीवारों को लांघकर समूचे विश्व को या इस ब्रम्हांड...

आने वाली पीढ़ी के लिए ‘हमारी धरोहरों’’ का संरक्षण आवश्यक है।

आने वाली पीढ़ी के लिए ‘हमारी धरोहरों’’ का संरक्षण आवश्यक है। 18 अप्रेल 2023, विश्व विरासत दिवस के अवसर पर भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर में सांस्कृतिक निधी न्यास, उदयपुर स्कन्ध (इंटेक) के संयुक्त तत्वावधान में हमारी धरोहर विषय पर संगोष्टी का आयोजन हुआ जिसमें विद्धवानों ने हमारे देश की बहुमूल्य धरोहर को आने वाली पीढ़ी के लिए संरक्षित करने पर जो़र दिया। भारतीय लोक कला मण्डल,उदयपुर के निदेशक डाॅ. लईक हुसैन ने बताया कि आज पूरे विश्वभर में 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस के रूप में मनाया जा रहा है और इसी क्रम में भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर में सांस्कृतिक निधी न्यास, उदयपुर स्कन्ध (इंटेक) के संयुक्त तत्वावधान में हमारी धरोहर विषय पर संगोष्ठी का आयोजन भारतीय लोक कला मण्डल के गोविन्द कठपुतली सभागार में दोपहर 03 बजे से किया गया। जिसमें शहर के साहित्यकार, कलाप्रेमी, इतिहासकार, विद्यार्थियो एवं आम जन ने भाग लिया।  उन्होंने बताया कि संगोष्ठी के प्रारम्भ में संस्था के मानद सचिव सत्य प्रकाश गौड़, भारतीय लोक कला मण्डल के निदेशक डाॅ. लईक हुसैन, सांस्कृतिक निधि न्यास, उदयपुर स्कंध के संयोजक डाॅ. ल...