यूक्रेन पर हमला क्या शांति प्रिय देशों के लिए ख़तरा ??
यूक्रेन पर हमला शांति प्रिय देशों के लिए ख़तरा रूस के द्वारा यूक्रेन पर हमले को एक नई लड़ाई के तौर पर देखना चाहिए , एक तरफ़ विश्व राजनीति में चाइना के बढ़ते प्रभाव के बीच रूस की तानाशाही ने दुनिया को बहुत कुछ सोचने पर मजबुर कर दिया है । अफगानिस्तान से अमेरिका का भागना , यूक्रेन पर हमला होने के बावजूद अमेरिका द्वारा पहले तो उसे भरोसा दिलाना, बाद में अब केवल टुकुर- टुकुर देखना साबित करता है कि ,विश्व राजनीति में अमेरिका के पांव अब कमजोर पड़ रहे हैं । चीन द्वारा रूस को बिना मांगे ही अप्रत्यक्ष रूप से तो समर्थन करना लेकिन यूएन सुरक्षा परिषद में लाएं गए निंदा प्रस्ताव पर वोट न करना , ऐसा लगता है चीन भी निकट भविष्य में कोई बड़ी हरकत कर सकता है या उसकी योजनाओं में यह ज़रूर होगा , विशेष कर ताईवान और भारत के संदर्भ में , जैसा कि पूर्व में उसकी बदमाशियां देखी गई है । हमारे देश के लिए हमेशा की तरह एक निर्णायक बनकर खड़े रहने की भूमिका वाला यह दौर नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी को इस समय विश्व के सभी देशों से आग्रह कर शांति व्यवस्था स्थापित करने के प्रयास तेज करने चाहिए । इससे भी पहले...