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मई 3, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

भारत में बेरोजगारी दर फिर से बढ़ रही है ? पर क्यों?

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 भारत की बे बेरोज़गारी दर  रोजगारी दर शहरों में ज्यादा, गांवों में कम ?  सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी के आंकड़े के अनुसार भारत की बेरोजगारी दर 7.83 किस दी पर पहुंची ‌ । हमारे देश में बेरोजगारी की समस्या निरंतर बढ़ती जा रही है पिछले महीने में भारत की बेरोजगारी दर बढ़कर 7.83 फेस दीपक पहुंच गए हैं मार्च महीने में यह 7.60 किस दी थी आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2022 में शहरों की बेरोजगारी दर 9.22 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 7.18 फीसदी रही है‌। वर्ष 2021 में मई महीने में बेरोजगारी 11.84 फीसद पहुंच गई थी । सबसे ज्यादा बेरोजगारी तो हमारे राज्य राजस्थान और पड़ोसी राज्य हरियाणा में देखने को मिली है । इस रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा बेरोजगारी हरियाणा और राजस्थान में दर्ज की गई है। हरियाणा में यह 34.5 प्रतिशत और राजस्थान में 28.8 फ़ीसद बेरोजगारी है ।‌हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और असम में सबसे कम बेरोजगारी दर देखी गई है। इन राज्यों में क्रमशः 0.2%, 0.6% और 1.2 फ़ीसद रही थी। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी के ये ताज़ा आंकड़े भारतीय इकोनॉमी की हेल्थ को दर्शाते हैं । इसके अ...

देश के जाने माने पत्रकार रवीश कुमार की मां का निधन

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देश के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार की मां निधन हो गया है। इस समय रवीश कुमार बेल्जियम में है जबकि उनकी मां का बिहार में निधन हो चुका है। रवीश ने भावुक होकर पोस्ट लिखी है जिसे पढ़कर हर गमगीन हो गया । रवीश कुमार देश के एक ऐसे पत्रकार जो अपनी बेबाक रिपोर्टिंग, रवीश की रिपोर्ट और अपने यूट्यूब चैनल के जरिए देश की मौजूदा सरकार पर तीखे सवाल खड़े करते हैं और सरकार की आंखों की किरकिरी बनी हुई है। रवीश कुमार ने एक भावुक पोस्ट लिखी है जिसे आपको भी पढ़ना चाहिए -  माँ  सोचा था ब्रसल्स को अपने लिए नहीं, अपने दर्शकों के लिए देखूंगा। यहां आते ही सब कुछ कैमरे के पीछे से देखने लगा। ज़हन में मां बनी रही कि वेंटिलेटर पर नहीं होती तो वही ज़्यादा खुश रहती, भले ही ब्रसल्स बोलना उसके लिए भारी हो जाता। इस सूचना को लेकर अपने साथ जीना पहाड़ ढोने के समान लग रहा है। यहां की इमारतों से न तो इतिहास का रिश्ता बना पा रहा हूं, न वर्तमान का। देख रहा हूं मगर कुछ नहीं दिख रहा है। चल रहा हूं लेकिन पता नहीं कितनी दूर चल गया और लौट कर आ गया। इस वक्त लिख रहा हूं ताकि खुद के साथ रह सकूं। मेरे लिए जीना लिखना है ...