काव्य गोष्ठी का आयोजन


 प्रेस विज्ञप्ति 

उदयपुर 

गुरूवार 4/5/2023 

 

जाने अनजाने रिश्ते भी खास हो जाते है 

जब पैसे दो पैसे किसी के पास हो जाते है 


मंगलवार दिनांक 2/5/23 को कविमित्र समूह ( राज. ) , उदयपुर द्वारा एक काव्य गोष्ठी का आयोजन सेक्टर 3 में किया गया जिसमें शहर के प्रतिष्ठित कवि शामिल हुए.

गोष्ठी का प्रारंभ नामचीन कवि और एंकर शकुंतला सरूपरिया जी ने अपने भावपूर्ण गीतों से किया, बेटी पर सुनाये उनके गीत से श्रोताओं की आंखें भर आई . युगधारा संस्थापक वरिष्ठ कवि ज्योतिपूंज ने आम आदमी की पीड़ा को जाहिर करती अपनी कविता ' नल में जल नहीं है पर आंखों में है ' सुनाई . रामदयाल मेहरा ने अपनापन नहीं याद रहा अब / मतलब का संवाद रहा अब ' सुनाकर दाद बटोरी . शैलेंद्र सुधर्मा ने ' जो बात खुद ही न समझे / वो औरों को समझाना अच्छा लगता है ' तथा प्रेमलता सोलंकी ने ' तुमको लिखती और पढती रही / लिख , गजल गुनगुनाती रही रात भर ' सुनाकर गोष्ठी को आगे बढाया . युवा कवि रक्षित परमार ने


आज के समय की सच्चाई को बयान करती 'बेटियों कहीं सुरक्षित नहीं है' रचना पेश की . गोष्ठी का समापन शाइर इकबाल हुसैन इकबाल ने' जमीं से भी जुड़े रहना , फलक पर भी नजर रखना / नजर नीची भले हो अलबत्ता, सितारों पर भी नजर रखना ' जैसे बेहतरीन शेरों से किया . गोष्ठी के आयोजन में दिनेश दीवाना और राजेंद्र सरूपरिया का भी सहयोग रहा .

शैलेंद्र सुधर्मा 

अध्यक्ष  (कविमित्र समूह )

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