संदेश

हादसे और अनहोनी में धंसता जनमानस

चित्र
हर साल धार्मिक यात्राओं में कितने कुछ लोग मरते हैं ! पैदल यात्री, सड़क दुर्घटनाएं, बस पलटने से , साधनों की आपसी भिड़ंत, पैदल यात्रियों को कुचलने, अमरनाथ यात्रा के दौरान लोग खूब परेशानी झेलते हैं, उसमें से कुछ अपनी जान से हाथ धोते हैं। देश के कोने -कोने में कोई न कोई हताहत करने वाली दुर्घटनाएं सामने आती रहती हैं, उसके बारे में कोई भी बाबा या इस किस्म का कोई भविष्यवाणी कर्ता लोगों को चेतावनी नहीं दे पाता है। हमारी आस्था , श्रद्धा, विश्वास , भक्ति और प्रेम की चाहत अनेक लोगों का जीवन छीन लेती है। चंबल नदी में नांव पलटने की घटनाएं हो , अमरनाथ यात्रा पर बादल फटने से सैंकड़ों के मरने की घटना हो , भूस्खलन से यात्रियों के मलबे में दबने की बात हो या अतिवृष्टि, बाढ में बह जाने, अफवाहों से भगदड़ मचने से खूब लोग मारे जाते हैं। उत्तराखंड त्रासदी जैसी जाने कितनी घटनाएं हर साल होती हैं। हम बस देखते रहते हैं, आमतौर पर कहते रहते हैं कि भाई हरि इच्छा प्रबल और स्थानीय प्रशासन, जिम्मेदार लोगों को वहीं छोड़ दिया जाता है फिर ऐसी घटनाएं घटती रहती है। चाहे तो अच्छी व्यवस्थाएं कायम कर सकते हैं, इतना बड़ा देश ह...

मणिका और अबराम का मिलन

चित्र
मणिका और अबराम मणिका की उम्र रही होगी लगभग 21 साल जब हमने उसे पहली बार देखा था , एक नुक्कड़ नाटक में, तब भी वो एक ऐसा स्ट्रीट प्ले कर रही थी जिसमें उन सब बातों का ज़िक्र था जहां समाज में बंदिशों का बोलबाला बढ़ जाता है। यह किरदार राजस्थान के शेखावाटी प्रदेश में ही एक ऐसी जगह का हैं जो अर्ध रेगिस्तानी हैं मगर शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेशभर में यहां से निकलने वाले बच्चों और सरकारी कर्मचारियों-अधिकारियों की संख्या प्रदेश के हर एक ज़िले में देखने को मिल जायेगी । ऐसा मुमकिन तभी होता है जब उस ज़िले के अधिकांश सरकारी पद भरे जा चुके हैं। मणिका एक बहुत जागरूक किस्म की लड़की हैं और अपनी प्राथमिक शिक्षा जिला मुख्यालय से ही पूरी करके भारत की राजधानी की ओर प्रस्थान कर लेती हैं । स्कूल के दिनों से ही मणिका का दोस्त है जिसका नाम है अब्राहम। यह क्षेत्र जातिवाद और धर्मभेद के बंटवारे से बहुत आगे निकल चुका है। लोग एक- दूसरे में जाति के नाम पर और धर्म के नाम पर इतना तवज्जो नहीं देते हैं।‌ यहां से हजारों की संख्या में देश की सेनाओं, अर्धसैन्य बलों, पुलिस और सरकार के प्रमुख विभागों में जवान , कर्मचारी ...

अधिवक्ता चौधरी प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त

चित्र
चौधरी कलाल एडवोकेट फाउंडेशन की राजस्थान इकाई के प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त उदयपुर में आयोजित हुए कलाल एडवोकेट फाउंडेशन द्वारा राष्ट्रीय अधिवेशन में गत 31 मई को उदयपुर के अधिवक्ता डॉ. देवी लाल चौधरी को राजस्थान इकाई का प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस अवसर पर फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु मोहन जायसवाल ने अधिकारिक नियुक्ति पत्र जारी कर उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपा। संगठन प्रमुख ने अधिवक्ता चौधरी को प्रदेश में संगठन की पहुंच बढ़ाने और प्रदेश स्तर पर संगठन की सक्रिय भूमिका निभाने की ज़िम्मेदारी प्रदान की है। इस दौरान उदयपुर के गणमान्य लोगों ने अधिवक्ता डॉ. देवी लाल चौधरी को राजस्थान इकाई का प्रदेशाध्यक्ष बनने पर बधाइयां प्रेषित की है।

एडवोकेट पीआर सालवी को 26 मई को "राष्ट्रीय मानव गौरव अवॉर्ड 2023" से नई दिल्ली में होंगे सम्मानित

चित्र
एडवोकेट पीआर सालवी को 26 मई को "राष्ट्रीय मानव गौरव अवॉर्ड 2023" से नई दिल्ली में होंगे सम्मानित ------------------------------------ अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार सुरक्षा परिषद नई दिल्ली द्वारा 26 मई 2023 "अंतर्राष्ट्रीय मानव बहादुरी सम्मान समारोह" होगा ------------------------  उदयपुर 24 मई । अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार सुरक्षा परिषद, नई दिल्ली द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह में अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार सुरक्षा परिषद, नई दिल्ली राजस्थान स्टेट चेयरमेन एवं डॉ.अम्बेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी राजस्थान जिला उदयपुर के महासचिव एडवोकेट पीआर सालवी को "लिटिल थिएटर ग्रुप (एलटीजी) ऑडिटोरियम कॉर्परनिकस भवन, मंडी हाउस स्टेशन के पास, नई दिल्ली" में "राष्ट्रीय मानव गौरव अवॉर्ड" से सम्मानित किया जायेगा। अंतर्राष्ट्रीय चेयरमेन एवं संस्थापक डॉ. टी.एम.ओंकार ने बताया कि एडवोकेट पीआर सालवी पिछले 20 वर्षों से अधिक समय से सलूम्बर, सराड़ा से निकलकर राजस्थान राज्य एवं विशेषकर उदयपुर सम्भाग मुख्यालय पर गरीब,शोषित, वंचित,दलित,आदिवासी,पिछड़े वर्ग के हक अधिकार ...

कवि मित्र समूह द्वारा त्रिभाषी काव्य गोष्ठी का आयोजन

चित्र
कविमित्र समूह ( राज.) उदयपुर द्वारा महाराणा प्रताप जयंती पर सोमवार , 22 मई को त्रिभाषी काव्यगोष्ठी का आयोजन सेक्टर तीन में किया गया जिसमें कवियों ने अपनी रचनाओं से प्रताप को श्रद्दासुमन अर्पित करने के साथ राजस्थानी , हिंदी और उर्दू में अनेक कविताओं के वाचन से श्रोताओं का मन मोह लिया .शकुंतला सरूपरिया द्वारा सरस्वती वंदना से प्रारंभ गोष्ठी में सर्वप्रथम चिंतक व कवि अशोक जैन 'मंथन' ने प्रश्ननाकुल होकर पूछा ,'मन को समझा किसने अब तक / कितना है ये मासुम बोलो ?' तत्पश्चात शहर की शान डा. ज्योतिपूंज ने आव्हान किया ,' विश्व में मेवाड़ की स्वर्णिम धरा के गीत गाओ/ ये धरोहर गुनगुनाओ ये धरोहर गुनगुनाओ.' वरिष्ठ कवि रामदयाल मेहरा ने आज के समय की कैफियत को बयां करती गजल ,' वैसे कोई विवाद नहीं है / फिर भी कोई संवाद नहीं है' तथा राजस्थानी गीत सुनाकर रंग जमा दिया . जयपुर से आई सुमन आशीष ने ,' सहरा सहरा बांटा मैंने अपना पानी / अब मुश्किल लगता है मेरा दरिया रहना ' सुनाकर सबको भावुक कर दिया . शैलेद्र सुधर्मा में प्रताप का स्मरण करते हुए कहा ,'प्रताप सब याद करते है...

युवांगन -2023 और विशेष कवि सम्मान समारोह

चित्र
युवांगन -2023 और विशेष कवि सम्मान समारोह  राजस्थान का हिंदी लेखन राष्ट्रीय पहचान बनाएं, राजस्थान के हिंदी लेखक देश की मुख्य धारा में आएं - अकादमी अध्यक्ष दुलाराम सहारण ।  "राजस्थान का हिंदी लेखन राष्ट्रीय पहचान बनाएं, राजस्थान के हिंदी लेखक देश की मुख्य धारा में आएं," "मैं काव्यांगन को बधाई देता हूं कि ऐसी संस्थाएं हर शहर में होनी चाहिए" काव्यांगन ऐसा आंगन सदा सजाएं रखें" यह कहना था राजस्थान साहित्य अकादमी के वर्तमान अध्यक्ष दुलाराम सहारण का। सहारण काव्यागंन साहित्यिक संस्था द्वारा आयोजित युवांगन -2023 और विशेष कवि सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे । अकादमी अध्यक्ष ने समारोह में आएं युवा साहित्यकारों से आह्वान किया कि वे राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित कार्यक्रमों से जुड़े और उदयपुर में राजस्थान अकादमी है, इससे बड़ा सौभाग्य और क्या होगा!  अकादमी अध्यक्ष ने भविष्य में युवाओं को साहित्यिक गतिविधियों से जुड़ने के लिए 'लेखक से मिलिए' जैसे नवाचारी कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित भी किया। इस अवस...

यूक्रेन पर हमला क्या शांति प्रिय देशों के लिए ख़तरा ??

चित्र
  यूक्रेन पर हमला शांति प्रिय देशों के लिए ख़तरा रूस के द्वारा यूक्रेन पर हमले को एक नई लड़ाई के तौर पर देखना चाहिए , एक तरफ़ विश्व राजनीति में चाइना के बढ़ते प्रभाव के बीच रूस की तानाशाही ने दुनिया को बहुत कुछ सोचने पर मजबुर कर दिया है । अफगानिस्तान से अमेरिका का भागना , यूक्रेन पर हमला होने के बावजूद अमेरिका द्वारा पहले तो उसे भरोसा दिलाना, बाद में अब केवल टुकुर- टुकुर देखना साबित करता है कि ,विश्व राजनीति में अमेरिका के पांव अब कमजोर पड़ रहे हैं ।  चीन द्वारा रूस को बिना मांगे ही अप्रत्यक्ष रूप से तो समर्थन करना लेकिन यूएन सुरक्षा परिषद में लाएं गए निंदा प्रस्ताव पर वोट न करना , ऐसा लगता है चीन भी निकट भविष्य में कोई बड़ी हरकत कर सकता है या उसकी योजनाओं में यह ज़रूर होगा , विशेष कर ताईवान और भारत के संदर्भ में , जैसा कि पूर्व में उसकी बदमाशियां देखी गई है ।  हमारे देश के लिए हमेशा की तरह एक निर्णायक बनकर खड़े रहने की भूमिका वाला यह दौर नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी को इस समय विश्व के सभी देशों से आग्रह कर शांति व्यवस्था स्थापित करने के प्रयास तेज करने चाहिए । इससे भी पहले...